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    जिला न्यायालय की बेस्ट प्रेक्टिसेस

    जिला न्यायालय की बेस्ट प्रेक्टिसेस


    इलाहाबाद जिला न्यायालय में ई-चालान यातायात के साथ वर्चुअल कोर्ट ट्रैफ़िक का एकीकरण
    23 फरवरी 2021 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ई-कमेटी के मार्गदर्शन में इलाहाबाद जिला न्यायालय में एक विशिष्ट वर्चुअल कोर्ट की स्थापना की गयी है, जो ई-चालान एप्लीकेशन के माध्यम से ट्रैफिक पुलिस द्वारा उत्पन्न ई-चालान से निपटारा करती है। वर्चुअल कोर्ट के न्यायाधीश के डैशबोर्ड पर प्रतिदिन किये गए डिजिटल चालान दिखाई देंगे। यह अदालत, मोटर वाहन अधिनियम की धारा के अन्तर्गत उल्लंघनकर्ता को उसके मोबाइल फोन पर विशेष सम्मन जारी करेगी।
    report of inauguration2जब किसी उल्लंघनकर्ता को मोबाइल फोन पर चालान की सुचना प्राप्त होती है, तो उसे वेब पोर्टल “https://vcourts.gov.in” पर जाकर,सम्मन का भुगतान करने या प्रतिवाद करने के विकल्प का चयन करना होगा। वह ऑनलाइन मोड के माध्यम से जुर्माना राशि का भुगतान उसी दिन या निर्धारित अवधि के भीतर कर सकता है। जुर्माने का भुगतान करने पर, चालान का निपटारा और लेनदेन संख्या दिखाते हुए एक पावती पत्र दिया जायेगा। वेब पोर्टल, उलंघ्घनकर्ता को चालान की आवश्यक जानकारी जैसे नाम, मोबाइल नंबर को भरकर लंबित चालान को खोजने की कार्यक्षमता प्रदान करता है।
    उल्लंघनकर्ता को एक वास्तविक अदालत में जाये बगैर जुर्माना देने की स्वायत्तता से न केवल उल्लंघनकर्ता के लिए, बल्कि कानून का प्रबंधन करने वालों के लिए भी समय, लागत और संसाधनों की बचत के मामलों में कई लाभ होंगे।

    1. इससे उल्लंघनकर्ता को फायदा होगा और उन्हें यातायात से संबंधित उल्लंघन करने पर अदालत में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
    2. उत्पन्न राजस्व, सीधे राज्य सरकार के खजाने में जमा होगा।
    3. इससे ट्रैफिक से संबंधित चालान के त्वरित निपटान में भी वृद्धि होगी।
    4. यह भी प्रस्तावित है कि ऐसी योजनाओं को अन्य अपराधों की प्रकृति के लिए भी लागू किया जाएगा।

    कुल प्राप्त हुए ई-चालान 

    63,73,215

    चालान जिनमें कार्यवाही पूरी हुई

    54,58,663

    प्रतिवादित चालान

    15,429

    चालान जिसमें जुर्माना अदा किया गया

    3,25,954

    वसूला गया कुल जुर्माना (रू०) (23.02.2021 से आज तक)

    19,63,38,276

    वर्चुअल कोर्ट, इलाहाबाद के ई-उद्घाटन का लिंक देखने के लिए पर क्लिक करें


    आईसीजेएस – इंटरऑपरेबल आपराधिक न्याय प्रणाली

    report of inauguration

    आईसीजेएस – अदालत, पुलिस / अभियोजन, जेल और फोरेंसिक लैब के बीच डेटा-एक्सचेंज के माध्यम से त्वरित न्याय की सुविधा के लिए इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) का उद्घाटन किया गया तथा 23 फरवरी 2021 से कार्य को आरम्भ किया गया । इसका उद्देश्य सीसीटीएनएस परियोजना को ई-कोर्ट और आपराधिक न्याय के अन्य स्तंभों के साथ एकीकृत करना है। उत्तर प्रदेश के सभी जिला न्यायालय सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर के साथ एकीकृत हैं। आईसीजेएस के माध्यम से हम न्यायालय के अंत में एफआईआर और चार्जशीट रिकॉर्ड का उपभोग करने में सक्षम हैं।

    1. इससे सभी जिला न्यायालयों को एफआईआर और चार्जशीट डेटा सीआईएस (केस इन्फॉर्मेशन सिस्टम) सॉफ्टवेयर में प्राप्त करने में सुविधा होगी।
    2. इसके अलावा, सभी जिला न्यायालयों को ऑनलाइन एफआईआर और चार्जशीट दस्तावेज भी उपलब्ध कराया जाएगा।
    3. यह जिला न्यायालयों को आईसीजेएस पर एफआईआर और चार्जशीट के माध्यम से प्रयोग होने वाले केस रिकॉर्ड में डेटा की सटीकता पर भी सुविधा प्रदान करेगा।

    जिला न्यायालय में उपभोग किए गए चार्जशीट की संख्या (अब तक)

    10,80,700

    जिला न्यायालय में उपभोग की गई एफ.आई.आर.की संख्या(अब तक)

    13,05,872

     


    उत्तर प्रदेश के जिला न्यायालय में भूमि / संपत्ति रिकॉर्ड (भूलेख) के साथ दिवानी न्यायालय डेटा का एकीकरण
    भूमि / संपत्ति रिकॉर्ड डेटा प्रमुख सुधार क्षेत्रों में से एक रहा है, जिसमें भूमि / संपत्ति से संबंधित रिकॉर्ड डेटा को दिवानी न्यायालय वाद डेटा सहित सभी संबंधित एजेंसियों के डेटा के साथ एकीकृत करने की आवश्यकता होती है, ताकि कोई भी भूमि / संपत्ति खरीदार स्वामित्व और अभिलेखों के रिकॉर्ड, एक क्लिक पर प्राप्त कर सकते है। न्याय की सुपुर्दगी में तेजी लाने के उद्देश्य से सुधार शुरू किया गया है और कोर्ट के अंत में भूलेख रिकॉर्ड के साथ कोर्ट रिकॉर्ड का एकीकरण किया गया है। न्यायालय उपयोगकर्ता विवादित संपत्ति का विवरण दर्ज करा सकता है और मामले को रिकार्ड से जोड़ने में सक्षम हो सकता है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय, ई-कमेटी के मार्गदर्शन में 23 फरवरी 2021 से भूमि रिकॉर्ड और सीआईएस के साथ एकीकरण को आरम्भ और कार्यात्मक किया गया है।
    इससे सभी हितधारकों को लाभ मिलेगा, जिनमें वकील, वादकारी , सरकारी प्राधिकरण, संपत्ति खरीदार / सामान्य जनता शामिल हैं।


    न्यायिक अधिकारियों के लिए ई-सेवाएंराज्य में तैनात सेवारत न्यायिक अधिकारियों के लिए ट्रैकिंग सुविधा के साथ कुशल, प्रभावी और उपयोगकर्ता अनुकूल वेब आधारित एकीकृत प्रणाली/सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए एक वेब आधारित सेवा मॉड्यूल विकसित किया गया है। हाल ही में, सीपीसी कार्यालय द्वारा उपरोक्त ई-सेवाओं के लिए एक एण्ड्रॉइड एप विकसित किया गया है। यह देश में न्यायिक अधिकारियों के लिए ई-सेवाओं के लिए पहला ऐसा एण्ड्रॉइड एप है।

    Mobile

    • न्यायिक अधिकारियों के लिए ई-सेवा मॉड्यूल में शामिल सेवाएं।
    1. अवकाश मॉड्यूलः विभिन्न प्रकार के अवकाश आवेदनों (कैजुअल अवकाश, मुख्यालय छोड़ने की अनुमति आवेदन, अर्जित अवकाश, बच्चों की देखभाल के लिए अवकाश, चिकित्सा अवकाश, नकदीकरण अवकाश आदि) को ऑनलाइन संचालन की सुविधा द्वारा विभिन्न स्तर पर संचालित किया जा रहा है और माननीय प्रशासनिक न्यायाधीश/माननीय प्रभारी न्यायाधीश की आवश्यक स्वीकृति को ऑनलाइन किया जाता है।
    2. वार्षिक गोपनीय टिप्पणीयाँ: वार्षिक गोपनीय टिप्पणीयों से संबंधित आत्म मूल्यांकन का ऑनलाइन दाखिला उपरोक्त मॉड्यूल का हिस्सा है। किसी विशेष मूल्यांकन अवधि के लिए आत्म आकलन प्रारूप संबंधित न्यायिक अधिकारी द्वारा भरा जाएगा। एसीआर को जिला न्यायाधीशों/सक्षम प्राधिकारी द्वारा ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा और ऑनलाइन जमा करना आवश्यक है।
    3. संपत्ति विवरण:आवधिक संपत्ति विवरण (चल/अचल) का दाखिला न्यायिक अधिकारियों द्वारा ऑनलाइन किया जाएगा, जिसे उपरोक्त ई-सेवाओं के माध्यम से अग्रसरित किया जाएगा। आवधिक संपत्ति विवरण के दाखिले के लिए रिक्त आवेदन प्रारूप ऑनलाइन उपलब्ध है। संबंधित न्यायिक अधिकारी का संपत्ति विवरण जिला न्यायाधीश द्वारा उपरोक्त ई-सेवा मॉड्यूल के माध्यम से ऑनलाइन अग्रसरित किया जाता है।
    4. अन्य सेवाएंः मॉड्यूल में अन्य कई ई-सेवाएं (43 सं.) भी प्रदान की जाती हैं। ये सेवाएं विविध अनुरोधों, उच्च शिक्षा से संबंधित आवेदन, ऑनलाइन प्रस्तुतिकरण के माध्यम से उच्च न्यायालय के साथ पासपोर्ट/वीज़ा या अन्य संचार से संबंधित आवेदन हैं। इस तरह की सेवाओं को न्यायिक अधिकारियों द्वारा ऑनलाइन किया जाना आवश्यक है और आवश्यक दस्तावेजों (डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित/स्वप्रमाणित) को ऑनलाइन संलग्न कर जमा करना होगा।
    5. ई-सेवाओं संबंधी निगरानी तंत्र: माननीय प्रशासनिक न्यायाधीश/प्रभारी न्यायधीश बाईं ओर के निचले फलक पर दर्शित रिपोर्ट सेक्सन पर क्लिक करके लंबित आवेदन की स्थिति को देखने/निगरानी करने में सक्षम होंगे।

    Login for e-Service of Judicial Officer


    अधिवक्ताओं का ईकोर्ट सेवाओं पर प्रशिक्षण:

    माननीय उच्च न्यायालय के कम्प्यूटरीकरण पहलू के संबंध में विभिन्न अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम, “एडवोकेट मास्टर ट्रेनर्स के लिए टीओटी जागरूकता कार्यक्रमनामक एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिकविषय पर 05 चरणों में अधिवक्ताओं के लिए आयोजित किया जिसमें माननीय ईसमिति, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार अधिवक्ताओं के लिए केस मैनेजमेंट टूल्स (ईसीएमटी) और सीआईएस की अद्यतन विशेषताओे को बारे में प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मुख्य रूप से नए एडवोकेट मास्टर ट्रेनर्सतैयार करने के उद्देश्य से है, जो अन्य अधिवक्ताओं को आगे प्रशिक्षण प्रदान कर सकते हैं।

    मास्टर ट्रेनर्स के लिए ऑनलाइन टीओटी प्रोग्राम के लिए शेड्यूल

    • चरण-1- (23.01.2021 और 24.01.2021)
    • चरण-2- (20.02.2021)
    • चरण-3- (21.03.2021)
    • चरण-4- (27.08.2021)

    मास्टर प्रशिक्षकों के लिए ऑनलाइन टीओटी प्रोग्राम के लिए विषय

    • ईकोर्ट परियोजनाओं का अवलोकन
    • अधिवक्ताओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक केस प्रबंधन उपकरण
    • अधिवक्ताओं के लिए मोबाइल ऐप के लिए ईकोर्ट सेवाएं
    • कोर्ट परिसरों में सेवा वितरण
    • फिलिंगडिजिटल ऑनलाइन फाइलिंग प्रक्रिया
    • आभासी न्यायालय
    • सीआईएस 3.2 और अपील फाइलिंग की अद्यतन विशेषताएं
    • आई.सी.जे.एस.- इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस डिलीवरी सिस्टम
    • सीआईएस के तहत वाणिज्यिक न्यायालयों के लिए ईसीएमटी उपकरण
    • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कैसे दिखें और दस्तावेजों को स्कैन करें
    • अधिवक्ताओं के लिए हेल्प डेस्क और हेल्प मैनुअल और वीडियो
    • कोर्ट संबंधित वेबसाइटें
    • न्यायालय सेवाएं 24×7 कैसे प्राप्त करें
    • पेमेंट कोर्ट फीस, जुर्माना, दिवानी जमा
    • एनस्टेप
    • सुलभ पीडीएफ़ बनाना और दस्तावेज़ अपलोड करना

    भारत के माननीय ईसमिति सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम को यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम किया गया था और यूट्यूब लिंक https://youtu.be/kJb9YNeyc6cउत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं के बीच प्रसारित किया गया है, ताकि वे भी प्रशिक्षण कार्यक्रम को देखने के बाद प्रबुद्ध हो सकें।


    उत्तर प्रदेश के जिला न्यायालयों की वेबसाइटउत्तर प्रदेश के जिला न्यायालयों की वेबसाइट को सीपीसी कार्यालय द्वारा विकसित किया गया है। यह जिला न्यायालयों को समर्पित पहली ऐसी वेबसाइट है। वेबसाइट वर्तमान में केवल सुरक्षित नेटवर्क पर ही दिखाई देगी। इस वेबसाइट में ई-न्यायालय परियोजनाओं, विभिन्न प्रकाशनों, परिपत्रों, समय-समय पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अपेक्षित विवरणों, स्थिति की निगरानी हेतु  जिला न्यायालय के आँकड़ा का विवरण शामिल है।

    • सीएमएस (शिकायत प्रबंधन प्रणाली)-वेब आधारित शिकायत प्रबंधन प्रणाली प्रयोक्ता को हार्डवेयर, नेटवर्क, वैन, सॉफ्टवेयर, बीएसएनएल आदि की शिकायतों को दर्ज करने और उनकी निगरानी करने की अनुमति प्रदान करती है। सीएमएस के माध्यम से दर्ज शिकायत की सूचना संबंधित विभाग और अधिकारियों को भेजी जाती है ताकि शिकायत तेजी से हल हो जाए।
    • ईएमएस (ई-कोर्ट प्रबंधन प्रणाली) – ईएमएस-वेब आधारित उपकरण ई-न्यायालय प्रबंधन प्रणाली सीपीसी कार्यालय द्वारा उत्तर प्रदेश के जिला न्यायालय से दैनिक एवं मासिक अभिलेख जिसमें मासिक एसएमएस अभिलेख, सही आँकड़ो पर 25 मापदण्ड़ों की साप्ताहिक निगरानी, तकनीकी जनशक्ति अभिलेख, सूचना प्रौद्योगिकी हेतु 55 मापदंडों की त्रैमासिक डेटा, हार्डवेयर संस्थापन अभिलेख आदि प्राप्त करेगा।
    • डीआईएमएस (जिला वस्तुसूची प्रबंधन प्रणाली)– डीआईएमएस एक वेब आधारित तालिका प्रबंधन प्रणाली है जो प्रयोक्ता को हार्डवेयर विवरण, हार्डवेयर का वर्गीकरण, हार्डवेयर संस्थापन रिकॉर्ड, हार्डवेयर की सूचना भरने तथा निगरानी आदि की अनुमति प्रदान करता है।

    जिला अदालतों के लिए वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, जस्टिस मोबाइल ऐप 2.0, डिजिटल कोर्ट और एस3डब्लुएएसएस वेबसाइटों का उद्घाटन:

    newभारत के माननीय प्रधान मंत्री जी के द्वारा 26 नवंबर 2022 को जिला अदालतों के लिए वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, जस्टिस मोबाइल ऐप 2.0, डिजिटल कोर्ट और एस3डब्लुएएसएस वेबसाइटों का उद्घाटन किया।

    जिले के लिए वर्चुअल जस्टिस क्लॉक के लिंक इस प्रकार हैं। https://justiceclock.ecourts.gov.in/justiceClock/?p=home/state&fstate_code=13

    जिला न्यायालय गौतम बुद्ध नगर की एस3डब्लुएएसएस वेबसाइट का लिंक https://gbnagar.dcourts.gov.in/ है।


    District Court Establishment Potal

    जिला न्यायालय अधिष्ठान पोर्टल  – जिला न्यायालयों के कर्मचारियों के लिए एक व्यापक जिला न्यायालय अधिष्ठान पोर्टल विकसित किया गया है। स्वीकृत पदों, रिक्तियों, व्यक्तिगत सेवा अभिलेखों सहित न्यायालय के कर्मचारियों का पूरा विवरण उक्त पोर्टल पर उपलब्ध है।

    जिला न्यायालय स्थापना पोर्टल के लिए District Court Establishment Portal पर क्लिक करें


     

    गौतमबुद्धनगर में वर्चुअल कोर्ट और ईपे पोर्टल का उद्घाटन

     

    GautamBuddha Nagar VCचालान आवेदन के माध्यम से यातायात पुलिस द्वारा उत्पन्न ईचालान से निपटने के लिए गौतमबुद्ध नगर, जिला न्यायालय में एक विशेष फेसलेस वर्चुअल कोर्ट, गौतमबुद्ध नगर में 23 जुलाई 2021 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मार्गदर्शन में स्थापित किया जा रहा है। कैप्चर किए गए डिजिटल चालान दिए गए दिन के लिए वर्चुअल कोर्ट जज के डैशबोर्ड में दिखाई देंगे। मोटर वाहन अधिनियम की धारा के अनुसार अदालत उल्लंघनकर्ता को उसके मोबाइल फोन के माध्यम से विशेष सम्मन जारी करेगी। एक बार जब कोई उल्लंघनकर्ता अपने मोबाइल फोन पर सूचना प्राप्त करता है, तो उसके पास या तो सम्मन का विरोध करने या वेब पोर्टल https://vcourts.gov.in पर जाकर भुगतान करने का विकल्प होगा। वह निर्धारित अवधि के भीतर अपने चयन के दिन और समय पर ऑनलाइन मोड के माध्यम से अपेक्षित जुर्माना अदा करेगा। जुर्माने का भुगतान करने पर, चालान का निपटान और लेनदेन संख्या दिखाते हुए एक पावती उत्पन्न होगी। वेब पोर्टल लंबित चालानों को या तो अपेक्षित विवरण, जैसे नाम, मोबाइल नंबर भरकर खोजने की कार्यक्षमता प्रदान करता है।

    उल्लंघनकर्ता को बिना किसी भौतिक अदालत का दौरा किए जुर्माना अदा करने की स्वायत्तता से न केवल व्यक्ति के लिए बल्कि उन लोगों के लिए भी कई लाभ होंगे जो समय, लागत और संसाधनों की बचत के मामले में कानून का संचालन करते हैं।

    http://Click for View the Inauguration of Virtual Court and ePay at GautamBudha Nagar


    भुगतान

    ईपे पोर्टल https://pay.ecourts.gov.in और स्टॉक होल्डिंग पोर्टल https://www.shcilstamp.comके माध्यम से उत्तर प्रदेश के जिला न्यायालयों के लिए ऑनलाइन, कोर्ट फीस भुगतान मोड सक्षम किया गया है। ईदाखिल मामलों में भुगतान भी ईस्टाम्पिंग के माध्यम से किया जा रहा है और ईफाइलिंग पोर्टल और ऑनलाइन भुगतान शुल्क प्रणाली को तदनुसार जोड़ दिया गया है।

    इस पोर्टल के माध्यम से अब वादी/अधिवक्ता पुराने और नए दोनों मामलों के लिए न्यायालय शुल्क जमा कर सकते हैं। सफल भुगतान के बाद, न्यायालय शुल्क सीधे राज्य सरकार के प्रमुख खाते में जमा किया जा सकता है। जुर्माना, और न्यायिक जमा के लिए ईपे पोर्टल पर अन्य भुगतान विकल्प भी जल्द ही चालू हो जाएंगे। भुगतान नेटबैंकिंग, डेबिट कार्ड और यूपीआई मोड के माध्यम से किया जा सकता है। कोर्ट फीस दोनों पोर्टल पर 24 X 7 के लिए कभी भी कहीं से भी उपलब्ध है। कोर्ट फीस के लिए ऑनलाइन भुगतान का उद्घाटन किया गया और 23.03.2021 से कार्यात्मक बना दिया गया।


    एनएसटीईपी

    इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रियाओं की राष्ट्रीय सेवा और ट्रैकिंग (एनएसटीईपी) कोर्ट प्रक्रियाओं की सेवा और वितरण के लिए विकसित एक एन्ड्राएड ओ.एस. एप है। प्रक्रियाओं के वितरण के लिए इस ऐप का उपयोग न्यायालयों के जमानतदारों द्वारा किया जाएगा। सीआईएस (केस इंफॉर्मेशन सिस्टम) सॉफ्टवेयर भारत के सभी न्यायालयों में तैनात है। सीआईएस पीडीएफ प्रारूप में इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रियाओं को उत्पन्न करने की सुविधा प्रदान करता है। एक बार इलेक्ट्रॉनिक प्रोसेस जेनरेट हो जाने के बाद, संबंधित कोर्ट का प्रोसेस एडमिन बेलीफ्स को प्रोसेस की डिलीवरी असाइन करेगा। उसे आवंटित प्रक्रियाओं की सूची देखने के लिए, बेलीफ के पास एनएसटीईपी ऐप के साथ स्मार्टफ़ोन होना चाहिए।

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    कुल प्रक्रिया/सम्मन की खपत

    5,66,323 (As on 18.05.2022)

    कुल प्रेषित प्रक्रिया

    75960 (As on 18.05.2022)

    जिला न्यायालय में वर्चुअल कोर्ट (यातायात) और उत्तर प्रदेश के उच्च न्यायालय और जिला न्यायालयों में ईसेवा केंद्र का ईउद्घाटन

    2021112594-768×4322021112545-768×427 2021112569-768×432

    उत्तर प्रदेश के जिला न्यायालयों में ईसेवा केंद्र और वर्चुअल कोर्ट (यातायात) का ईउद्घाटन माननीय डॉ. न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, अध्यक्ष, समिति, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा माननीय श्री न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय, माननीय श्री न्यायमूर्ति एस.पी. केसरवानी, अध्यक्ष, कम्प्यूटरीकरण और डिजिटाइजेशन समिति और कंप्यूटरीकरण और डिजिटाइजेशन समिति के अन्य माननीय सदस्य की गरिमामयी उपस्थिति में 01 नवंबर 2021 को शाम 04:30 बजे वर्चुअल माध्यम से तरीके से किया गया है।

    अधिवक्ताओं और वादकारियों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने के लिए सेवा केंद्रऔर वर्चुअल कोर्ट (ट्रैफिक)” पर मुख्य फोकस रहा है, जिसे ईप्लेटफॉर्म पर न्यायिक प्रणाली की दक्षता बढ़ाने के लिए पूरा किया जाना है और तदनुसार, इन 02 आवश्यक ईसेवाएं को साकार करने के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं।

    उत्तर प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों में ईसेवा केन्द्रों के माध्यम से व्यवस्था की गई है, जहां से आवश्यक जानकारी और मामले के विवरण, मामलों की ईफाइलिंग, मामलों की सुनवाई के विवरण, स्टाम्प की खरीद, ऑनलाइन भुगतान और अन्य प्रासंगिक प्रश्नों के संबंध में सिंगल विंडो के माध्यम से सहायता प्रदान की गई है।

    उद्घाटन यूट्यूब लिंक : https://youtu.be/W_oG0TNQg5I पर उपलब्ध है।