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    ई-कोर्ट परियोजना की ई-पहल (उच्च न्यायालय)

    ई-कोर्ट परियोजना की ई-पहल (उच्च न्यायालय)


    इलाहाबाद उच्च न्यायालय की आधिकारिक वेबसाईट को परिसर में विकसित किया गया है। सर्वर, एप्लिकेशन सर्वर, डेटाबेस सर्वर इत्यादी को स्थापित किया गया है जो निम्नलिखित एप्लिकेशन पर कार्य कर रहें हैः-

     

    • नये मामलों और दैनिक वाद सूची की आनलाईन उपलब्धताः सभी नये और सूचीबद्घ वादों से सम्बधित सूचना को प्रतिदिन वेबसाईट पर प्रकाशित किया जाता है।

     

    • आनलाईन निर्णय और कापीईंग प्रणालीः– टाइपिंग की सुविधा और निर्णयों का आनलाईन प्रकाशन करने और अधिवक्ताओं/वादकारियों के निर्णयों की प्रामाणिक प्रतियों को जारी करने के लिए सॉफ्टवेयर में कई मॉड्यूल हैं।

     

    • न्यायालय वार वाद वर्तमान सूचना प्रणालीः- न्यायालय कक्ष में लिये जा रहें वादों की सूचना, अधिवक्ताओं/वादकारियों को आधिकारिक वेबसाइट और कई डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से सुविधाजनक स्थानों पर प्रसारित की जा रही है। हितधारकों को एस.एम.एस. और ईमेल भी भेजे जा रहे हैं।

     

    • वाद सूचना कियोस्कः- वादों की स्थिती सम्बन्धित सूचना प्रदान करने के लिए दो कियोस्क यत्रों की स्थापना की गई है।

     

    • आनलाईन वाद स्थिती पूछताछ प्रणालीः- वाद की स्थिती सम्बन्धित सूचना, वादकारियों/अधिवक्ताओं द्वारा वेबसाईट से ली जा सकती है।

     

    • कप्यूटरीकृत वाद सूचना पटलः- वाद सम्बन्धित सूचना इन पटलों पर कम से कम शुल्क पर उपलब्ध है।

     

    • वाई-फाई :- इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सम्पूर्ण परिसर में अब उच्च गति के वाई-फाई नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध है। वाई-फाई सुविधा सन्देश को संचारित और प्राप्त करने की प्रक्रिया को त्वरित और विश्वसनीय बनाएगी। अधिवक्ता/वादकारी अपने मोबाइल फ़ोनों पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की कई प्रौद्योगिकी संचालित सेवाओं का जैसे. नए मामलों की सूची और दैनिक वाद सूची, निर्णय, न्यायालय वार वास्तविक समय आधारित वाद वर्तमान सूचना, मामलों की स्थिति की जांच इत्यादि का  लाभ उठा सकते हैं। न्यायालय के मौजूदा वाई-फाई नेटवर्क के विस्तार का काम नवनिर्मित 30 न्यायालयों में भी पूरा हो गया है और यह कार्यशील भी है।

     

     

    एसएमएस सुविधा :- अधिवक्ताओं/ वादकारियों को निम्न सूचनाएं प्रदान करने के लिए समूह एसएमएस सुविधा प्रारम्भ की गई है:

     

    • किसी वाद से संबंधित सूचना जैसे वाद संख्या, लिस्टिंग की तिथि, क्रम संख्या, न्यायालय संख्या इत्यादि की जानकारी देने वाली वादों की दैनिक वाद सूची प्रदान की जाती है।
    • अधिवक्ताओं/ वादकारियों को तद्‌नुकूल/वैयक्तिक वाद सूची, वाद स्थिति इत्यादि की जानकारी प्रदान की जाती है।

     

    इसके अलावा अधिवक्ताओं/वादकारियों को एसएमएस के माध्यम से निम्न सूचनाएं भी भेजी जा रही हैं:

     

    • वादों का विवरण जैसे वाद प्रकार, वाद संख्या, दाखिल करने की तिथि, लिस्टिंग की तिथि, न्यायालय संख्या इत्यादि।
    • याचिका में त्रुटि(यां), यदि कोई हो, जैसे न्यायालय फीस, सूचना/दस्तावेज में कमी इत्यादि।
    • वादों की वास्तविक समय सूचना, न्यायालय के निर्देश की अधिसूचना इत्यादि।

     

    अधिवक्ताओं/ वादकारियों को सालाना औसतन  50 लाख  एसएमएस भेजे जा रहे हैं।

     

    रिक्ति पोर्टल :- उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर इसके विभिन्न अनुभागों से संबंधित रिक्तियों का प्रकाशन व निगरानी की जा रही है।

     

    बजट:- बजट निगरानी के लिए वेब आधारित सेवा प्रारम्भ की गई है। यह सेवा बजट के संबंध में विस्तृत सूचना की आवश्यकता की पूर्ति करती है। इस सेवा में प्रदत्त डेटा में सरकार/ अन्य प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत बजट, उसकी मांग व आवंटन और स्वीकृत राशि का प्रयोग शामिल है।

     

    डिजिटल वाद फाइलों का उच्चतम न्यायालय के सर्वर में अपलोड किया जाना :- इलाहाबाद उच्च न्यायालय की वे वाद फाइलें जिन्हें उच्चतम न्यायालय भेजा जाना है, अब स्कैन, सूचीबद्ध करके उच्चतम न्यायालय के सर्वर में अपलोड की जा रही हैं।

     

    सीआईएस (वाद सूचना प्रणाली) संस्करण 1.0 का क्रियान्वयन :- उच्च न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में  में सीआईएस  1.0 का सफल क्रियान्वयन किया। सभी न्यायालय  सीआईएस पर कार्य कर रहे हैं।

     

    ऑनलाइन गेट पास: ऑनलाइन गेट पास प्रणाली की सुविधा 9जुलाई 2018 से प्रारम्भ की गई है। इस माड्यूल को इस प्रकार बनाया जा रहा है कि वादकारी न्यायालय कक्ष और अधिवक्ता के चेंबर में जाने के लिए आवेदन कर ऑनलाइन गेट पास प्राप्त कर सके। ऑनलाइन गेट पास को मोबाइल/टेबलेट में डाउनलोड किया जा सकता है और प्रवेश के समय मूल पहचान पत्र के साथ दिखाया जाना आवश्यक है। अब तक ई-गेटपास  प्रणाली के माध्यम से  92,293 से अधिक गेट पास जारी किये जा चुके हैं।

     

    जस्टिस क्‌लॉक का स्थापन:-  वर्तमान समय में वादों का संस्थापन, निस्तारण और लंबन आदि से संबंधित डेटा प्रदर्शित करने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में  जस्टिस क्‌लॉक लगाई गयी है जो अक्टूबर 2019 से सही तरिके से कार्य कर रही है।