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    ई-कोर्ट परियोजना की ई-पहल (जिला न्यायालय)

    ई-कोर्ट परियोजना की ई-पहल (जिला न्यायालय)


    ई-कोर्ट्स परियोजना के अंतर्गत अनेक पहलें की गई हैं। इस संबंध में, की गई पहल निम्नानुसार हैं –

    1. आभासी न्यायालय (विडियो कॉन्फ्रेंसिंग)कोविड 19 महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश के जिला न्यायालय ने ओपन सोर्स आधारित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर- जेआईटीएसआई का इस्तेमाल किया गया। जेआईटीएसआई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से मामले सुने गए।
    2. ई-सेवा केंद्रई-सेवा  केंद्र, इलाहाबाद जनपद न्यायालय में स्थापित हो चुका है तथा अन्य जनपद न्यायालयों में, ई-सेवा केंद्र के लिए एक अस्थायी सेटअप स्थापित किया गया है। आगे सभी जनपद न्यायालयों को प्रत्येक न्यायालय परिसर में ई-सेवा केंद्र की स्थापना संबंधी कार्य के निगरानी हेतु नोडल अधिकारी को नामित करने के लिए निर्देश जारी किए गए थे। जिसका अनुपालन कर दिया गया है। ई-सेवा केंद्रों की स्थापना के लिए केंद्रीय योजना के तहत ग्राम पंचायतों को प्रदान किए गए बुनियादी ढांचे के उपयोग की संभावना का पता लगाने लिए इस मामले को राज्य सरकार के समक्ष उठाया गया है।
    3. उत्तर प्रदेश के जिला न्यायालयों में कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों हेतु ई-प्रशिक्षणटेक्निकल स्टॉफ जैसे सिस्टम ऑफीसर एवं अन्य टेक्निकल स्टॉफ हेतु ई-प्रशिक्षण कार्यक्रम क्लाउड़ आधारित वीसी सॉफ्टवेयर के माध्यम से नियमित रूप से लगातार चलाया जा रहा है। इन व्यक्तियों ने ऑनलाइन प्रस्तुतियां दीं और ई-फाइलिंग, एनएसटीपी, वर्चुअल कोर्ट (ट्रैफिक) और आईसीजेएस के परीक्षण और कार्यान्वयन में मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा भी की। यह भी महसूस किया गया कि नियमित रूप से ऐसे ई-प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता है।
    4. सीआईएस का कार्यक्षेत्र और क्षैतिज एकीकरण (अपीलीय मॉड्यूल)  – अपीलीय मॉड्यूल का उपयोग अक्सर उत्तर प्रदेश के जिला न्यायालयों में जिला से जिला और जिला से तालुका न्यायालयों (इसके विपरीत) में वादों के स्थानान्तरन के लिए किया जाता है। उत्तर प्रदेश के जिला न्यायालयों में भी अपीलीय मॉड्यूल शुरू हुआ ताकि डेटा प्रविष्टि कार्य कम हो जाए। इसके अलावा उच्च न्यायालय में अपीलीय मॉड्यूल के उपयोग से, अपील किए गए वादों के लिए उत्तर प्रदेश के जिला न्यायालयों से डेटा आसानी से प्राप्त हो जाता है।
    5. राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड – डेटा परिमार्जनएनजेडीजी आँकड़ों की प्रभावी निगरानी, आँकड़ों की सटीकता और पूर्ण आँकड़ा प्रविष्टि के लिए, एक जिला स्तर का निगरानी दल गठित किया गया है जिसमें सिस्टम अधिकारी/सिस्टम सहायक/डीएसए शामिल हैं। दल द्वारा 25 मापदंडों पर दैनिक निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, सभी जिला न्यायालयों के लिए एनजेडीजी पर अलग-अलग जिला लॉगिन भी बनाए गए है। उत्तर प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों को सीआईएस में देरी का कारण दर्ज करने के लिए निर्देशित किया गया है जो दो साल से अधिक पुराने हैं। प्रभावी निगरानी के लिए टेलीग्राम ग्रुप का भी गठन किया गया है।