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    इलाहाबाद उच्च न्यायालय की बेस्ट प्रेक्टिसेस

    उच्च न्यायालय की बेस्ट प्रेक्टिसेस


    न्यायालय के दस्तावेजों का डिजिटिलीकरणः- एक करोड निस्तारित वादों के अभिलेख, जिसमें लगभग पचास करोड पन्नें है, उस एक वर्ष में डिजिटिलीकरण कराया जाना हैं। सेन्टर फार इनफार्मेशन टेक्नालाजी बिल्डिंग की स्थापना स्कैनिंग और डिजिटलीकरण कार्यों के लिए किया गया है।

    • वर्तमान में, लगभग 33.33 लाख अभिलेख जो कि 19.72 करोड से अधिक पन्नों  में है, को अभी तक डिजिटलीकृत किया जा चुका है।

    डेटा केंद्रः- न्यायालय के सम्पूर्ण डेटा के संचालन के प्रक्रिया में अत्यधिक उन्नत डेटा केन्द्र और आपदा पुर्नस्थापन स्थल की स्थापना की गई है।

    ई-कोर्ट/ई-फाईलिंग/ई-स्टैम्पिंगः- 19 अगस्त 2017 को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय और लखनऊ खण्डपीठ में ई-कोर्ट और आनलाईन वादों के दाखिलीकरण का उद्धाटन, माननीय न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर, माननीय न्यायमूर्ति और भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के ई-समिति के प्रभारी न्यायमूर्ति, द्वारा किया गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा ई-कोर्ट और आनलाईन वाद दाखिलीकरण प्रणाली काे प्रारम्भ में तीन क्षेत्राधिकारों में कम्पनी याचिका, सिविल पुनरीक्षण और आवेदन स्थानान्तरण के साथ प्रारम्भ किया गया है। न्यायालय शुल्क को ई-स्टैम्पिगं के माध्यम से संचालित किया जाता है।

    • वर्तमान में, ई-कोर्ट के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत 27,149 वाद अभिलेख, 2,033 कैवियेट और 17,941 विभिन्न आवेदनो को आज तक आनलाईन दाखिल की जा चुकी है।

    मोबाइल आधारित एप्लीकेशन :- अधिवक्ता/ वादकारी इलाहाबाद उच्च न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट का प्रयोग किये बिना एंड्रॉयड आधारित एप्लीकेशन का प्रयोग कर निम्न सेवाएं मोबाइल फोन पर प्राप्त कर सकते हैं जैसे: नये वादों की स्थिति और वादों की दैनिक वाद सूची, निर्णय, न्यायालयवार वाद वर्तमान सूचना प्रणाली/ डिस्प्ले बोर्ड, वाद स्थिति पूछताछ, दैनंदिक अधिसूचना/ सूचना इत्यादि।

    • इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं के प्रयोग के लिए हाल ही में एक एंड्रॉयड आधारित एप्लीकेशन विकसित किया गया है जिससे वे मोबाइल फोन पर केस डायरी के रूप में उच्च न्यायालय द्वारा प्रदत्त एडवोकेट रोल आइडी से जुड़े वादों की अपनी वाद सूची प्राप्त कर सकते है।

    डिजिटल डिस्प्ले प्रणाली के लिए डिजिटल टीवी का स्थापन: नये न्यायालय भवन में वर्तमान एनॉलाग आधारित वाद डिस्प्ले प्रणाली को डिजिटल डिस्प्ले प्रणाली द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया है।  55” और  65” के स्मार्ट टीवी न्यायालय कक्षों, न्यायालय क्षेत्र के कॉरिडोर और उच्च न्यायालय परिसर के विभिन्न स्थानों पर लगाए गये हैं। 65” के  24-25 सं. में स्मार्ट टीवी का पुराने न्यायालय भवन के कॉरिडोर और बार क्षेत्र में स्थापन कार्य पूरा हो चुका है और सही तरिके से कार्य कर रहे हैं।

    अधिवक्ताओं के लिए वीडियो कॉंफ्रॆंसिग सुविधा :- कोविड-19 महामारी को देखते हुए न्यायालय कार्यवाही के दौरान न्यायालय कक्ष में अधिवक्ताओं/वादकारियों की उपस्थिति को कम करने के लिए और वाद हेतु प्रस्तुत होने के लिए विद्वान अधिवक्ताओं को वीडियो कॉंफ्रेंसिंग की सुविधा प्रदान की गई है।

    न्यायालय रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण: सूचना प्रौद्योगिकी भवन (7,943.44 वर्ग मीटर) को स्कैनिंग और डिजिटलीकरण के लिए स्थापित किया गया है। वर्तमान में, लगभग 33.68 लाख फ़ाइलें हैं जिनमें 19.98 करोड़ से अधिक पृष्ठ हैं जिनमें से 27.21 लाख फ़ाइलें और 16.25 करोड़ से अधिक पृष्ठों की पुष्टि की गई हैं।

    वाईफाई: इलाहाबाद उच्च न्यायालय का पूरा कैम्पस उच्च गति वाले वाईफाई नेटवर्क के साथ सुसज्जित है। अधिवक्ताओं/वादकारीयों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की कई तकनीक से संचालित सेवाओं का लाभ मोबाइल फ़ोन पर लेने की सुविधा है, जैसे कि नये मुक़दमों और रोज़ाना की सूची, निर्णय, कोर्ट के अनुसार वास्तविक समय पर आधारित मुक़दमों की जानकारी, मुक़दमों की स्थिति का पूछताछ आदि।

    सीआईएस (केस सूचना प्रणाली) संस्करण 1.0 का लागूकरण: उच्च न्यायालय इलाहाबाद में सफलतापूर्वक सीआईएस 1.0 का लागू किया है। सभी न्यायालय सीआईएस के माध्यम से काम कर रहे हैं। लखनऊ बेंच पर सीआईएस का लागूकरण की प्रक्रिया जारी है।

    इलाहाबाद उच्च न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट को इनहाउस डेवलप किया रहा है। मेल सर्वर, एप्लिकेशन सर्वर, डेटाबेस सर्वर आदि स्थापित किए गए हैं और उस पर निम्नलिखित अनुप्रयोग सक्रिय हैं:

    • फ्रेश और दैनिक मुक़दमों की ऑनलाइन उपलब्धता: एक मामले से संबंधित जानकारी जिसमें मामले की सभी नई और सूचीबद्ध फ़ाइलों की सूची दिनप्रतिदिन वेबसाइट पर प्रकाशित की जाती है।
    • ऑनलाइन निर्णय और कॉपींग सिस्टम: इस सॉफ़्टवेयर में कई मॉड्यूल हैं जो निर्णय/आदेश के ड्राफ्टिंग और ऑनलाइन प्रकाशन और मुक़दमों/आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपियों की जारीकरण को सुविधा प्रदान करने में और मुक़दमों/आदेश को प्राप्त करने के मे वादकारीयों और अधिवक्ताओं मदद करते हैं।
    • कोर्ट के अनुसार मुक़दमों की जानकारी: कोर्ट के अनुसार मुक़दमों की जानकारी प्रदर्शित की जाती है। डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड्स व्यापक स्थानों पर स्थापित किए गए हैं। हितधारकों को एसएमएस और ईमेल भी भेजे जा रहे हैं।
    • ऑनलाइन मुक़दमे की स्थिति प्रणाली: अधिवक्ता/वादकारी किसी भी मुक़दमे के स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
    • एसएमएस सुविधा: अधिवक्ताओं/वादकारीयों को मुक़दमे की सूची, सूची में एक मुक़दमे का क्रमांक, सूची में तारीख, सीरियल नंबर, कोर्ट नंबर आदि की जानकारी प्रदान करने के लिए बल्क एसएमएस सुविधा का उपयोग किया जा रहा है।
    • मोबाइल एप्लिकेशन: एक एंड्रॉयड आधारित एप्लिकेशन विकसित किया गया है और यह न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। न्यायिक जानकारी की सामान्य सुविधाओं के अलावा, जैसे कि मुक़दमे की स्थिति, कारण सूची, निर्णय/आदेश, मान्य न्यायाधीशों के विवरण और विभिन्न सूचनाएं, उपयोगकर्ताओं के लिए माय डायरीनामक एक अद्वितीय सुविधा शामिल की गई है। इसका मौलिक उद्देश्य उपयोगकर्ता को एक सूची प्रदान करना है जिसमें उपयोगकर्ता द्वारा जोड़े गए मुक़दमों की सूची है, चाहे वह एक अधिवक्ता हो या एक सामान्य उपयोगकर्ता। इस सुविधा का मौलिक उद्देश्य यह है कि उपयोगकर्ता को मुक़दमों की स्थिति को जटिल और एकाधिक प्रक्रिया के बिना देखने की सुविधा हो। माय डायरी की सूची से किसी भी मुक़दमे पर एक टैप अद्यतित स्थिति को स्वचालित रूप से प्रदर्शित करेगा। उपयोगकर्ता को सूची के मुक़दमों को प्रबंधित करने का पूरा अधिकार है।
    • रिक्त पद पोर्टल: उच्च न्यायालय के विभिन्न खंडों से संबंधित रिक्तियों को न्यायालय की वेबसाइट पर प्रकाशित और निगरानी किया जा रहा है।
    • बजट: बजट मॉनिटरिंग के लिए वेबआधारित सेवा की शुरुआत की गई है। इस सेवा ने बजटिंग के संदर्भ में विस्तृत जानकारी को दृश्यीकरण करने की आवश्यकता को पूरा किया है। इस डेटा फ्लो में शामिल है जैसे सरकार /अन्य प्राधिकृति द्वारा बजट का प्रदान करना, इसकी मांग और आवंटन सहित मंजूर आंकड़ों का उपयोग और आवंटित आंकड़ों का उपयोग शामिल है।
    • सुप्रीम कोर्ट के सर्वर पर डिजिटाइज़ केस फ़ाइलें अपलोड करना: इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मामले जो सुप्रीम कोर्ट को भेजे जाने की आवश्यकता हैं, वे अब स्कैन किए जा रहे हैं, सूचीबद्ध किए जा रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट के सर्वर पर अपलोड किए जा रहे हैं।
    • ऑनलाइन गेट पास: ऑनलाइन गेट पास सिस्टम की सुविधा को ऐसे डिज़ाइन किया गया है कि एक वादकारी आवेदन कर सकता है और ऑनलाइन गेट पास प्राप्त कर सकता है ताकि वह न्यायालय के कमरे/अधिवक्ता के कमरे में जा सके। ऑनलाइन गेट पास को मोबाइल/टैबलेट में डाउनलोड किया जा सकता है और प्रवेश के समय मूल आईडी प्रमाण पत्र के साथ प्रस्तुत किया जाना है। इसके माध्यम से अब तक 95,589 से अधिक गेट पास ईगेट पास सिस्टम के माध्यम से जारी किए गए हैं।