न्यायालय की सर्वोत्तम कार्यपद्धतियां
ई-कोर्ट परियोजना के तहत उच्च न्यायालय और जिला न्यायालयों की सर्वोत्तम कार्यपद्धतियां
• ई- सेवा केंद्र : न्यायालयों के न्यायिक कार्यवाही, वीसी सुविधा, कॉज लिस्ट, दैनिक आदेश फलक, सुनवाई की अगली तिथि, न्यायालयों के निर्णयों और आदेशों की प्रति जैसी बुनियादी जानकारी आसानी से उपलब्ध कराने वाले एकल केंद्रों के रूप में झारखंड उच्च न्यायालय और राज्य के सभी 24 जिला न्यायालयों में ई-सेवा केंद्र स्थापित किए गए है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय की ई-कमिटी के निर्देशानुसार झारखंड उच्च न्यायालय तथा रांची अवस्थित जिला न्यायालय के वर्चुअल ई- सेवा केंद्र की जांच की गई और रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
• सर्वोच्च न्यायालय के सर्वर पर लम्बित मामलों को ऑनलाइन अपलोड करना : उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालयों के लम्बित मामलों को सर्वोच्च न्यायालय के सर्वर पर अपडेट करना।
• कम्प्यूटरीकृत केस सूचना काउंटर/हेल्पडेस्क : इन काउंटरों पर मामूली शुल्क पर मामलों से संबंधित जानकारी उपलब्ध है।
• एसएमएस सुविधा : अधिवक्ताओं/मुकदमेबाजों को निम्नलिखित जानकारी प्रदान करने के लिए तादाद में एसएमएस भेजने की सुविधा शुरू की गई है।
• वाद संख्या, पक्षों का विवरण, सुनवाई की तारीख, न्यायालय संख्या आदि वाद से संबंधित जानकारी से लैस मामलों की दैनिक/पूरक कॉज लिस्ट।
• फाइलिंग से संबंधित जानकारी जैसे कि फाइलिंग संख्या, सीएनआर संख्या, पक्षों का विवरण और फाइलिंग की तारीख आदि।
• आपत्ति से संबंधित सूचना जैसे फाइलिंग संख्या, सीएनआर संख्या, पक्षों का विवरण और आपत्ति आदि।
• न्यायालय की कार्यवाही : जैसे यदि मामला निष्पादित कर दिया गया है : (निष्पादन की प्रकृति, निष्पादन की तारीख), यदि नहीं, तो अगली तिथि और संक्षिप्त आदेश एसएमएस के माध्यम से भेजा जाता है।
• एनस्टेप : झारखंड में इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रियाओं की राष्ट्रीय सेवा और ट्रैकिंग (एनएसटीईपी) को सफलतापूर्वक लागू कर दिया गया है। आदेशिकाओं को तामील करने हेतु झारखंड के जिला न्यायालयों के बेलिफ्स / प्रोसेस सर्वरों (आदेशिका तामीलकर्ता) को जियो सिम के साथ सैमसंग स्मार्टफोन प्रदान किए गए हैं।
• आईसीजेएस : झारखंड राज्य के सभी जिला न्यायालयों में अंतरप्रचालनीय आपराधिक न्याय प्रणाली (इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) लागू की गई है।
• संबंधित व्यक्तियों (हितधारकों) को सीआईएस और ई-फाइलिंग के नए संस्करण का प्रशिक्षण : भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति के निर्देशानुसार 13 न्यायिक अधिकारी मुख्य प्रशिक्षक, 72 अधिवक्ता मुख्य प्रशिक्षक और 13 स्टाफ मुख्य प्रशिक्षक (डीएसए) का प्रशिक्षण, प्रशिक्षण के कई चरणों में पूरा किया गया। उन्होंने आगे अन्य अधिवक्ताओं और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है और यह कार्य न्यायिक अकादमी के माध्यम से नए कैलेंडर के अनुसार जारी है।