परिचय
नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने और न्यायालयों में आईसीटी के कार्यान्वयन के लिए एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना तैयार करने के लिए भारत में न्यायिक क्षेत्र में सुधार की अत्यधिक आवश्यकता को महसूस करते हुए, भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति आरसी लाहोटी ने ई–कमेटी के गठन का प्रस्ताव रखा। ई–कमेटी को भारतीय न्यायपालिका को डिजिटल युग के लिए स्वयं को तैयार करने, न्याय वितरण प्रणाली को अधिक कुशल बनाने वाली प्रौद्योगिकियों को लागू करने और संचार साधनों को अनुकूलित करने और इस प्रकार अपने हितधारको को लाभ पहुंचाने के लिए एक राष्ट्रीय नीति तैयार करने में सहायता करना था।
ई–कमेटी द्वारा बनाए गए डिजिटल प्लेटफॉर्म से हितधारकों–वादियों, अधिवक्ताओं, सरकारी/विधि प्रवर्तन एजेंसियों और सामान्य नागरिकों को न्यायिक आकडों को वास्तविक समय में जानकारी पहुंचाने में सक्षम बनाया गया है। डिजिटल डेटाबेस और इंटरैक्टिव प्लेटफॉर्म को सक्षम बनाता है: –
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देश में किसी न्यायालय में लंबित किसी मामले की स्थिति और विवरण का पता लगाना।
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देश भर में विभिन्न न्यायिक संस्थानों में मामलों के लंबन का प्रबंधन करना।
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मामलों की त्वरित श्रेणी के लिए डेटाबेस का निष्कर्षण और उपयोग।
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न्यायालय संसाधनों का पर्याप्त उपयोग।
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न्यायपालिका की क्षमताओं और प्रभावकारिताओं की जानकारी आैर निगरानी के लिए आंकड़ों का विश्लेषण।